शरद पूर्णिमा विशेष
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शरद पूर्णिमा
09 अक्टूबर 2022 रविवार को शरद पुर्णिमा है।
🌙 शरद पूर्णिमा रात्रि में चन्द्रमा की किरणों में रखी हुई दूध – चावल की खीर का सेवन पित्तशामक व स्वास्थ्यवर्धक है | इस रात को सुई में धागा पिरोने से नेत्रज्योति बढ़ती है |
शरद पूर्णिमा पर अध्यात्मिक उन्नति
🌙 शरद पूनम रात को आध्यात्मिक उत्थान के लिए बहुत फायदेमंद है । इसलिए सबको इस रात को जागरण करना चाहिए अर्थात जहाँ तक संभव हो सोना नही चाहिए और इस पवित्र रात्रि में जप, ध्यान, कीर्तन करना चाहिए ।
शरद पूनमः चन्द्र-दर्शन शुभ
इस रात को हजार काम छोड़कर 15 मिनट चन्द्रमा को एकटक निहारना। एक-आध मिनट आँखें पटपटाना। कम-से-कम 15 मिनट चन्द्रमा की किरणों का फायदा लेना, ज्यादा करो तो हरकत नहीं। इससे 32 प्रकार की पित्तसंबंधी बीमारियों में लाभ होगा, शांति होगी।
फिर छत पर या मैदान में विद्युत का कुचालक आसन बिछाकर लेटे-लेटे भी चंद्रमा को देख सकते हैं।
जिनको नेत्रज्योति बढ़ानी हो वे शरद पूनम की रात को सुई में धागा पिरोने की कोशिश करें।
इस रात्रि में ध्यान-भजन, सत्संग कीर्तन, चन्द्रदर्शन आदि शारीरिक व मानसिक आरोग्यता के लिए अत्यन्त लाभदायक है।
शरद पूर्णिमा की शीतल रात्रि में (9 से 12 बजे के बीच) छत पर चन्द्रमा की किरणों में महीन कपड़े से ढँककर रखी हुई दूध-पोहे अथवा दूध-चावल की खीर अवश्य खानी चाहिए। देर रात होने के कारण कम खायें, भरपेट न खायें, सावधानी बरतें।
पंचांग के अनुसार, प्रतिवर्ष आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को शरद पूर्णिमा मनाई जाती है। माना जाता है कि इस दिन चंद्रमा 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है। इसी कारण इसे रास पूर्णिमा, कोजागरी पूर्णिमा, कौमुदी व्रत जैसे नामों से भी जानते हैं। पौराणिक मान्यता है कि मां लक्ष्मी का समुद्र से आविर्भाव शरद पूर्णिमा के दिन हुआ था। इसी कारण इस दिन मां लक्ष्मी धरती में आती है और अपने भक्तों पर कृपा बरसाती है। इस दिन चंद्र दर्शन करने से व्यक्ति हर बीमारी से छुटकारा पा सकता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शरद पूर्णिमा के दिन कुछ खास उपाय करके व्यक्ति हर समस्या छुटकारा पा सकता है। इसके साथ ही धन वैभव, खुशहाली और संपदा पा सकता है। आइए जानते हैं शरद पूर्णिमा पर कौन से उपाय करने चाहिए।
पैसों की तंगी के लिए
आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए शरद पूर्णिमा की रात मां लक्ष्मी की पूजा करने के साथ 5 कौड़ियां मां के चढ़ाएं। दूसरे दिन लाल या पीले रंग के कपड़े में इन कौड़ियों को लपेटकर तिजोरी में रख लें।
निरोगी रहने के लिए
अगर घर का कोई न कोई सदस्य बीमार रहता है, शरद पूर्णिमा के रात को छत में खीर रख दें। दूसरे दिन रोगी को इसका सेवन कराएं।
बिजनेस और नौकरी में मुनाफा के लिए
बिजनेस में लगातार बढ़ोतरी के साथ नौकरी में प्रमोशन के लिए शरद पूर्णिमा के दिन हनुमान जी के सामने चौमुखी दीपक जलाएं।
तुलसी पूजा
शरद पूर्णिमा के दिन स्नान करने के बाद तुलसी पूजा करें और शाम को दीपक जलाएं। ऐसा करने से सुख-समृद्धि की वृद्धि होगी।
लगाएं सफेद भोग
मां तुलसी को सफेद रंग की कोई मिठाई का भोग लगाएं। ऐसा करने से मां लक्ष्मी के साथ भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।
मां लक्ष्मी को लगाएं ये भोग
शरद पूर्णिमा पर मां लक्ष्मी को सिंघाड़ा, दही, मखाना, बताशा और पान का भोग लगाएं। ऐसा करने से मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहेगी।
आंख रहेगी दुरुस्त
माना जाता है कि शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की रोशनी से अमृत बरसता है। इसलिए इस दिन त्राटक क्रिया जरूर करें।
कौन से मंत्रों का करे जाप :-
शरद पूर्णिमा मां लक्ष्मी, चंद्र देव, भगवान शिव, कुबेर और कृष्ण की आराधना करने का शुभ पर्व है। चंद्र की शुभ्र किरणें जब आंगन में बिखरेंगी तब बरसेगी खुशियां, और मिलेगा दिव्य लक्ष्मी के साथ इन सभी देवताओं का शुभ आशीर्वाद।
1 . शरद पूर्णिमा की रात मां लक्ष्मी को मनाने का मंत्र
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः
2 . शरद पूर्णिमा की रात कुबेर को मनाने का मंत्र
ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धन धान्याधिपतये
धन धान्य समृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा।।
3 . शरद पूर्णिमा पर भगवान शिव की इस मंत्र से पूजा करें
शिवलिंग का जल स्नान कराने के बाद पंचोपचार पूजा यानी सफेद चंदन, अक्षत, बिल्वपत्र, आंकडे के फूल व मिठाई का भोग लगाकर इस आसान शिव मंत्र का ध्यान कर जीवन में शुभ-लाभ की कामना करें - यह शिव मंत्र मृत्युभय, दरिद्रता व हानि से रक्षा करने वाला माना गया है-
पंचवक्त्र: कराग्रै: स्वैर्दशभिश्चैव धारयन्।
अभयं प्रसादं शक्तिं शूलं खट्वाङ्गमीश्वर:।।
दक्षै: करैर्वामकैश्च भुजंग चाक्षसूत्रकम्।
डमरुकं नीलोत्पलं बीजपूरकमुक्तमम्।।
4. यह है रासलीला का खास गोपीकृष्ण मंत्र
कहते हैं शरद पूर्णिमा की रात भगवान कृष्ण ने गोपियों संग रास रचाया था। इसमें हर गोपी के साथ एक कृष्ण नाच रहे थे। गोपियों को लगता रहा कि कान्हा बस उनके साथ ही थिरक रहे हैं। अत: इस रात गोपीकृष्ण मंत्र का पाठ करने का महत्व है।
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीकृष्णाय गोविंदाय गोपीजन वल्लभाय श्रीं श्रीं श्री'
5. शरद पूर्णिमा की रात मिलेगी चंद्र देव की कृपा.
ॐ चं चंद्रमस्यै नम:
दधिशंखतुषाराभं क्षीरोदार्णव सम्भवम ।
नमामि शशिनं सोमं शंभोर्मुकुट भूषणं ।।
🙏जय श्री राम 🙏
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