Friday, 15 April 2022

हनुमान जयंती विशेष

हनुमान जयंती विशेष :-

हनुमान जयंती 16 अप्रैल दिन शनिवार को है. पवनपुत्र हनुमान जी का जन्म चैत्र पूर्णिमा तिथि को मंगलवार के दिन हुआ था. इस दिन बजरंगबली की पूजा करते हैं और उनको प्रसन्न करके अपनी मनोकामनाओं को पूर्ण करने की प्रार्थना करते हैं. इस बार हनुमान जयंती शनिवार के दिन है. शनिवार को संकटमोचन हनुमान जी और कर्मफलदाता शनि देव की पूजा की जाती है. शनि दोष, साढ़ेसाती और ढैय्या से बचने के लिए आप हनुमान जी की पूजा कर सकते हैं. हनुमान जी के भक्तों को शनि देव परेशान नहीं करते हैं. ऐसे में हनुमान जयंती के दिन कुछ आसान उपायों से शनि दोष से मुक्ति पा सकते हैं. आइए जानते हैं उन उपायों के बारे में.

हनुमान जयंती को सुबह बजरंगबली की विधिपूर्वक पूजा करें. उनको लाल फूल, लाल चंदन, अक्षत्, मोतीचूर के लड्डू चढ़ाएं. फिर हनुमान चालीसा का पाठ करें. हनुमान चालीसा पवनपुत्र को प्रसन्न करने का सबसे आसान उपाय है. ऐसा करने से हनुमत कृपा प्राप्त होती है और शनि दोष से मुक्ति मिलती है.

शनि देव ने हनुमान जी को वरदान दिया था कि वे कभी भी किसी हनुमान भक्त को परेशान नहीं करेंगे. यदि आप शनि की ढैय्या या साढ़ेसाती से परेशान हैं, तो हनुमान जयंती के अवसर पर बजरंग बाण का पाठ करें. इसका पाठ करने से शनि पीड़ा से मुक्ति मिलेगी.

हनुमान जयंती के दिन किसी भी हनुमान मंदिर में जाएं और बजरंगबली को चमेली का तेल अर्पित करें. यह हनुमान जी को प्रिय है. ऐसा करने से शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से राहत मिलती है.

हनुमान जयंती के अवसर पर हनुमान जी को लाल गुलाब की माला पहनाएं. फिर पीपल के 11 पत्ते साफ कर लें. उस पर राम नाम लिख दें और हनुमान जी को अर्पित कर दें. ऐसा करने से शनि दोष से मुक्ति मिलेगी.

हनुमान जयंती पर कैसे करें पूजा :-

हनुमान जयंती पर शाम को लाल वस्त्र बिछाकर हनुमान जी की मूर्ति या फोटो को दक्षिण मुंह करके स्थापित करें. खुद लाल आसन पर लाल वस्त्र पहनकर बैठ जाएं. घी का दीपक और चंदन की अगरबत्ती या धूप जलाएं. चमेली तेल में घोलकर नारंगी सिंदूर और चांदी का वर्क चढ़ाएं. इसके बाद लाल फूल से पुष्पांजलि दें. लड्डू या बूंदी के प्रसाद का भोग लगाएं. केले का भोग भी लगा सकते हैं. दीपक से 9 बार घुमाकर आरती करें और 'ॐ  मंगलमूर्ति  हनुमते नमः' मंत्र का जाप करें.

हनुमान जयंती का शुभ मुहूर्त (Hanuman Jayanti 2022 shubh muhurat):-

चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि शनिवार, 16 अप्रैल को देर रात 02.25 से प्रारंभ होकर रविवार, 17 अप्रैल को दोपहर 12.24 पर समाप्त होगी. इस दिन हस्त और चित्रा नक्षत्र रहेगा. हनुमान जयंती पर सुबह 5.55 से लेकर 08.40 तक रवि योग भी रहेगा. रवि योग में भगवान की पूजा करना बड़ा ही शुभ माना जाता है. इस अवधि में आप किसी शुभ कार्य की शुरुआत भी कर सकते हैं.

हनुमान जयंती पर करें बजरंगबली के इन प्रभावशाली मंत्रों का जाप, हर संकट होगा दूर:-

ओम नमो भगवते हनुमते नम:

आपके परिवार में सुख एवं शांति नहीं है, हमेशा क्लेश रहता है. परिजनों में बेवजह वाद विवाद होता रहता है, ऐसे में आपको इस मंत्र का जाप करना चाहिए. इस मंत्र के प्रभाव से लोगों के जीवन में सुख एवं शांति आ सकती है.

नासै रोग हरै सब पीरा, जपत निरंतर हनुमत बीरा

हनुमान चालीसा के चौपाई की इस लाइन को मंत्र के रूप में जपने से व्यक्ति को कोई भी रोग या कष्ट नहीं होता है. उस पर हनुमान जी की कृपा होती है और वह सभी प्रकार के रोग एवं पीड़ा से मुक्त होता है.

मनोजवं मारुततुल्यवेगं, जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठ।
वातात्मजं वानरयूथमुख्यं, श्रीरामदूतं शरणं प्रपद्ये॥

इस मंत्र का जाप करने से हनुमान जी प्रसन्न होते हैं, वे अपने भक्तों को सुख एवं समृद्धि प्रदान करते हैं. उनकी मनोकामनाओं की पूर्ति करते हैं और दुखों को दूर करते हैं.

अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम्। 
सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि॥

हनुमान जी के इस मंत्र का जाप कार्यों में सफलता एवं संकटों से सुरक्षा प्रदान करता है.

ओम हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट

हनुमान जी के इस मंत्र का जाप शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने और उनसे उत्पन्न संकटों को दूर करने के लिए किया जाता है.

ओम नमो हनुमते रूद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा।

हनुमान जी के इस मंत्र का जाप शत्रुओं को परास्त करने, रोगों को दूर करने और संकटों से रक्षा के लिए किया जाता है.

हनुमान जी के मंत्रों का जाप रूद्राक्ष की माला से करना चाहिए. हनुमान जी रुद्रावतार हैं.

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